aslam sonu laxminiya

Thursday, 28 July 2016

मेरा आदर्श मेरी माँ, ही मेरी भगवान है। my mother is my idol in hindi poem

मेरा आदर्श
वह अटल है, वह सकल है,
वह अजर है, वह अमर है,
वह अगन है, वह तपन है,
वह लगन है, वह भजन है।

इन चक्षुओं का मीत है,
वह आत्मा का गीत है,
वह हर पवन का राग है,
वह त्याग है वह भाग है।

वह प्रेम है, वह धर्म है,
वह तत्व है वह मर्म है,
वह जलज है, है जल वही
वह रोशनी, दीपक वही।

गिरजे की वह है घंटियाँ,
मन्दिर की है मूरत वही।
सागर की है वह सीपियाँ,
इस हृदय में सूरत वही।

वह जो कहे, तो चीर डालूँ,
धरा को और जल बनूँ।
वह जो कहे तो छोड़ दूँ
संसार को मधुकण बनूँ।

वह मेरी पूजा, मैं पुजारी,
वह मेरी भिक्षा, मैं भिखारी।
वह रूप है, वह धूप है,
वह बोल है, वह चूप है।

वह आस है, विश्वास है,
वह दर्द है परिहास है।
वह ये गगन, वह चंद्रमा,
वह ये ज़मीं, वह ज्योत्सना।

वह इस बदन की जान है
माता मेरी पहचान है।
आदर्श मेरा है मेरी माँ,
ही मेरी भगवान है।


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