aslam sonu laxminiya

Saturday, 12 March 2016

होली आज मनाना है

तुमको रंग लगाना है
होली आज मनाना है।

प्रतिकार करो इनकार करो
पर रगों को स्वीकार करो
रगों से तुम्हें नहलाना है
होली आज मनाना है।

भर पिचकारी बौछार जो मारी
भीगी चुनरी भीगी साड़ी
अपने ही रंग में रंगवाना है
होली आज मनाना है।

अबीर गुलाल तो बहाना है
दूरियाँ दिलों की मिटाना है
तो कैसा ये शरमाना है
होली आज मनाना है।

aslam sonu a s grop 
laxminya 
ghailarh 
8407045641

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