होली आज मनाना है
तुमको रंग लगाना है होली आज मनाना है। प्रतिकार करो इनकार करो पर रगों को स्वीकार करो रगों से तुम्हें नहलाना है होली आज मनाना है। भर पिचकारी बौछार जो मारी भीगी चुनरी भीगी साड़ी अपने ही रंग में रंगवाना है होली आज मनाना है। अबीर गुलाल तो बहाना है दूरियाँ दिलों की मिटाना है तो कैसा ये शरमाना है होली आज मनाना है। aslam sonu a s grop laxminya ghailarh 8407045641 |
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